Sunday, November 21, 2010

एक्जाम में कमाएँ अच्छे मार्क्स


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त्योहारों के खत्म होते ही परीक्षा का समय आ जाएगा। एक्जाम टाइम में युवाओं के दिल की धड़कने बढ़ने लगती है। कितनी ही मेहनत की हो, नर्वस हो जाना आम बात है। कई स्टूडेंट्स तो परीक्षा हॉल में घुसते ही सब भूल जाते हैं। ऐसे में कुछ एस्ट्रो उपाय कारगर हो सकते हैं। पढ़ाई के साथ इन्हें भी अपनाएँ और देखें चमत्कार.... 

परीक्षा का संबंध मेमोरी से है, जो बुध की देन है। बुध को मजबूत करने के लिए खूब सलाद और हरी सब्जियाँ खाएँ। गणेश जी के दर्शन करें। गाय को हरी घास खिलाएँ। कुंडली की स्थिति के अनुसार पन्ना पहनने से लाभ होता है। शंखपुष्पी का सेवन भी लाभ देता है। 

परीक्षा भवन में मानसिक संतुलन का कारक है चंद्रमा! चंद्रमा का मजबूत होना आत्मविश्वास बढ़ाता है। सफेद वस्तु का सेवन करने से, दान करने से, शिव के दर्शन व शिव चालीसा पढ़ने से, कनिष्ठा ऊँगली में चाँदी का छल्ला पहनने से तथा चाँदी के गिलास में पानी पीने से चंद्र मजबूत होता है। कुंडली में चंद्र की स्थितिनुसार मोती पहनने से लाभ होता है। 

कुछ स्पेशल एस्ट्रो टिप्स : 

तुलसी के पत्तों को मिश्री के साथ पीसकर प्रतिदिन उसका रस पीने से मेमोरी बढ़ती है। 

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इमली के पत्तों को पुष्य नक्षत्र के दिन अपनी पुस्तक में रखें। 

पुष्य नक्षत्र में 'योगेश्वर श्रीकृष्ण प्रसन्नो भव:' मंत्र को सुनहरी कैप वाले लाल रंग, लाल स्याही के पेन से 31 बार लिखें, 108 बार जाप करके अपने साथ ले जाएँ। 

एक्जाम हॉल में जाने से पहले 'गुरु ग्रह गए पढ़न रघुराई। अल्पकाल विद्या सब आई।' चौपाई का 108 बार जाप करने से सफलता मिलती है। 

पढ़ाई में मन न लगने पर मंगलवार के‍ दिन मसूर की लाल दाल लाल कपड़े की थैली में डालकर पॉकेट में रखें, पढ़ने में रुचि जागेगी। 

* 'ऊँ ह्रीं अर्हंणमो क्रुद्ध बुद्धिणं' या 'वद्‍ वद्‍ वागवादिनी नम:' मंत्र का 108 बार लगातार 14 दिन तक जाप करें तथा सरस्वती का ध्यान कर उन्हें लाल पुष्प व लाल वस्त्र चढ़ाएँ... सफलता निश्चित मिलती है। यह कार्य वसंत‍ पंचमी से प्रारंभ करें या किसी शुक्ल पक्ष के शुक्रवार से प्रारंभ करें। 

गुरु के सान्निध्य में बैठे, माता-पिता की सेवा करें, गाय को गुड़-चने की दाल खिलाएँ तथा इष्‍ट का ध्यान करें। 

विशेष नोट : इन उपायों के साथ मेहनत करना भी जरूरी है

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