Sunday, November 21, 2010

in terview


ND
कॉलेज से निकले एक युवा के लिए अपनी पर्सनेलि‍टी को जज करना मुश्किल होता है। विशेष रूप से अपने नेगेटि‍व पॉइंट्स को। जिंदगी में इंपोर्टेंट यह है कि‍ लोग आपके बारे में क्‍या सोचते हैं, यह नहीं कि‍ आपका खुद के बारे में क्‍या अनुमान है? जो माना जाता है वह यह है कि आपका दूसरों पर कितना प्रभाव पड़ता है, विशेष रूप से विभिन्न पेशों वाले अनुभवी व्यक्तियों पर केवल 15 से 20 मिनट से भी कम समय वाले प्रश्नोत्तर वाले सत्र में।

अक्सर फेल हुए स्टूडेंट्स शिकायत करते हैं कि सि‍लेक्‍शन बोर्ड ने मुझसे 15 प्रश्न पूछे थे जिसमें से मैंने 13 प्रश्नों के सही उत्तर दिए, प्रतिशत था 80। फिर भी उन्होंने मुझे फेल कर दिया। इंटरव्यू में अपने प्रदर्शन को इस कच्चे गणितीय रूप में निर्धारित करना गलत है। 

सि‍लेक्‍शन या रि‍जेक्‍शन के लिए डि‍सीजि‍व फेक्‍टर्स (निर्णायक तत्व) हैं, दूसरे केंडि‍डेट्स की तुलना में बेहतर होना और ओवरऑल इंप्रेशन जो आप पैदा करते हैं।

1. प्रेजेंटेशन और कम्‍युनि‍केशन का तरीका भी उतना ही इंपॉर्टेंट है, जितनी कि‍ जवाब की एक्‍यूरेसी।

2. यह जरूरी है कि इंटरव्यू पैनल के मेंबर्स को प्रभावित करने के लिए भी तैयारी करें।

ND
आम गलतियों में से कुछ ये है :
1. प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न पूरा पूछे जाने से पहले ही उसका उत्तर देना प्रारंभ करना।

2. प्रश्न को समझे बिना कि उसके उत्तर में किन-किन बिंदुओं को सम्मिलित करना है, उत्तर देना।

3. इंटरव्यू के दौरान बॉडी लैंग्‍वेज पर नियंत्रण न रख पाना जैसे कुर्सी पर बैठे-बैठे एक पैर हिलाते रहना, आपस में उँगलियों को चटकाना, उत्तर देते समय हाथों के इशारों से समझाने की ज्‍यादा कोशि‍श आदि।

4. इंटरव्यू के दौरान यह शो करना कि आप इंटरव्यू बोर्ड के एंक्‍सपीरि‍यंस्‍ड मेंबर्स से ज्यादा जानते हैं।

5. किसी प्रश्न से रि‍लेटेड सब्‍जेक्‍ट पर पूरी जानकारी न होने पर भी तोड़-मरोड़कर जवाब देने की कोशि‍श करना।

6. सब्‍जेक्‍ट का नॉलेज न होने के बावजूद बोर्ड के सदस्यों से बहस करना।

7. 

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